जनगणना वर्ष 2001 में छत्तीसगढ़ के बाल लिंगानुपात 1000 : 975 था, जो जनगणना वर्ष 2011 में घटकर 1000 : 969 हो गया था। राज्य में घटते बाल लिंगानुपात तथा बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक बढ़ाने के लिए|
उद्देश्य:
प्रदेश में बालिकाओं की स्वास्थ्य तथा शैक्षणिक स्थिति में सुधार लाना ।
बालिकाओं का बेहतर भविष्य सुनिश्चित करना।
बालिका भ्रूण हत्या रोकना तथा बालिकाओं के जन्म के प्रति जनता में सकारात्मक सोच लाना ।
बालविवाह पर रोक लगाना।
पात्रता:
छत्तीसगढ़ राज्य का मूल निवासी।
गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार के अधिकतम दो बालिकाओं को जिनका जन्म 1 अप्रैल 2014 के बाद हुआ हो।
प्रावधान:
योजनान्तर्गत किशोरियों को कक्षा 12वीं तक शिक्षा पूर्ण करने पर तथा 18 वर्ष तक विवाह न होने की स्थिति में वित्तीय संस्थाओं द्वारा 1 लाख रूपये की परिपक्वता राशि दी जाएगी।
राज्य शासन द्वारा पंजीकृत बालिका के नाम पर भारतीय जीवन बीमा निगम को पाँच वर्ष तक प्रतिवर्ष 5000 रूपयेविनियोजित किये जाएगें |