छत्तीसगढ़ भूमि

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छत्तीसगढ़ सिंचाई परियोजना

किसी भी प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास में जल संसाधन महत्वपूर्ण होता है| छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है तथा यहाँ पर मानसूनी जलवायु के कारण सिंचाई के साधनों का महत्व और भी बढ़ जाता है|
छत्तीसगढ़ का मैदान, समतल धरातल तथा सुव्यवस्थित नदी तंत्र के कारण सर्वाधिक सिंचित क्षेत्र है, जबकि बघेलखण्ड का पठार तथा दण्डकारण्य प्रदेश अपने पहाड़ी एवं पठारी धरातल के कारण अल्प सिंचित हैं| जिला धमतरी राज्य में सर्वाधिक सिंचित जिला है| जांजगीर चाम्पा, रायपुर, दुर्ग आदि जिला का 60% से अधिक भाग सिंचित है| नारायणपुर में सिंचित क्षेत्र प्रदेश में सबसे कम है|

राज्य की प्रमुख सिंचाई परियोजनाएं

महानदी जलाशय परियोजन | मिनीमाता/हसदेव बांगो परियोजना | महानदी काम्प्लेक्स 
  • धमतरी, जांजगीर चाम्पा, रायपुर तथा दुर्ग राज्य का सर्वाधिक सिंचित जिला है|
  • राज्य में सर्वाधिक सिंचित जिला धमतरी हैं|
  • अतिनिम्न सिंचित क्षेत्र में बस्तर, दंतेवाड़ा, कोरबा एवं जशपुर जिला आता है|
  • राज्य की प्रमुख फसल धान है, जो सर्वाधिक सिंचित फसल है|
  • राज्य में 2019 तक 8 वृहद, 37 मध्यम तथा 2468 लघु सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण हो चुका है|
  • इसके अलावा 4 वृहद् , 1 मध्यम तथा 350 लघु परियोजनाएं निर्माणाधीन है|
अन्य परियोजनाएं
  • तांदुला परियोजना (बालोद जिला)
  • खरखरा जलाशय (बालोद जिला)
  • मनियारी/राजीव गाँधी परियोजना(मुंगेली जिला)
  • खूंटाघाट/संजय गाँधी परियोजना (बिलासपुर)
  • कोडार/वीरनारायण सिंह परियोजना (महासमुंद जिला)
  • घोंघा परियोजना (बिलासपुर जिला)
  • कुंवरपुर परियोजना (सरगुजा जिला)