छत्तीसगढ़ भूमि

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छत्तीसगढ़ की जलवायु

किसी क्षेत्र या प्रदेश में दीर्घकालीन वायुमंडलीय दशा को जलवायु कहते हैं| यह किसी क्षेत्र के तापमान, आर्द्रता एवं वर्षा आदि की दीर्घकालीन औसत अवस्था है| किसी भी क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति, समुद्र ताल से ऊंचाई, वनस्पति की मात्रा, धरातल का स्वरूप आदि कारकों पर निर्भर करता है, जिसके कारण जलवायु में प्रादेशिक आधार पर भिन्नता पायी जाती है|
छत्तीसगढ़ भारत के मध्य में स्थित उष्ण कटिबंधीय मानसूनी जलवायु वाला प्रदेश है| कर्क रेखा पर स्थित राज्य की स्थिति, समुद्र से अधिक दूरी, पहाड़ी एवं पठारी भौतिक बनावट छत्तीसगढ़ की जलवायु को विशिष्टता प्रदान करती है| छत्तीसगढ़ की जलवायु में प्रादेशिक भिन्नता के आधार पर इसे तीन भागों में विभक्त किया गया है|

1. उत्तरी छत्तसीगढ़

  • यह क्षेत्र उत्तर भारत की जलवायु से प्रभावित होता है| शीतकाल में शीतलहर के प्रभाव के कारण लंबे समय तक कोहरा एवं पाला की स्थिति बनी रहती है| मैनपाट का तापमान हिमांक बिंदु तक पहुँच जाता है| इस क्षेत्र में अधिक वर्षा होती है|

2. मध्य छत्तीसगढ़

  • यह राज्य का सबसे गर्म क्षेत्र है| चाम्पा में राज्य का सर्वाधिक तापमान दर्ज होता है| इस क्षेत्र में औसत वर्षा राज्य में न्यूनतम है| माइकल श्रेणी का पूर्वी भाग वृष्टि छाया प्रदेश है| जहाँ औसत वर्षा 40-50 सेमी होता है|

3. दक्षिण छत्तीसगढ़

  • सघन वनों से आच्छादित इस प्रदेश में समजलवायु पाया जाता है| तापमान का वितरण औसत है| अबुझमाड़ की पहाड़ियों में राज्य में सर्वाधिक वर्षा दर्ज होती है|

छत्तीसगढ़ में जलवायु के घटक

  1. वर्षा- छत्तीसगढ़ में उप-आर्द्र जलवायु पाया जाता है|
  2. तापमान- कर्क रेखा में स्थित राज्य होने के कारण उष्ण कटिबंध है
  3. वायुदाब- छत्तीसगढ़ के वायुदाब में ज्यादा अंतर परिलक्षित नहीं है|

छत्तीसगढ़ में वर्षा

  • छत्तीसगढ़ में वर्षा की प्रकृति मानसूनी है|
  • राज्य में वर्षा ऋतु गेम एवं आर्द्र होती है|
  • छत्तीसगढ़ में वर्षा मुख्यतः बंगाल की खाड़ी से होता है|
  • राज्य में लगभग 90% वर्षा यहाँ दक्षिण पश्चिम मानसूनी हवाओं के द्वारा होती है|
  • पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा का औसत क्रमिक रूप से होता है|
  • मध्य जून तक(10-15 जून) राज्य में मानसूनी हवाएं प्रवेश करती है|
  • राज्य में औसतन 67 दिन तक वर्षा होती है|
  • वर्षा का अधिकांश भाग जुलाई-अगस्त के महीने में प्राप्त होती है|
  • छत्तीसगढ़ में औसतन 1292 MM(50.9 INCH) वर्षा होती है|
  • जिलेवार सर्वाधिक वर्षा जशपुर जिले में होती है और सबसे कम वर्षा कवर्धा में होती है|
  • नारायणपुर जिले का अबुझमाड़ प्रदेश का सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र है|

छत्तीसगढ़ की ऋतुएं

छत्तीसगढ़ में स्पष्ट तीन ऋतु परिलक्षित होती है:

1. ग्रीष्म ऋतु

  • छत्तीसगढ़ में ग्रीष्म ऋतू उष्ण शुष्क होती है| सूर्य के उत्तरायण साथ यहाँ ग्रीष्म ऋतु  की शुरुआत होती है| 15 मार्च से 15 जून तक यहाँ जिश्म ऋतु रहता है| मई में अधिकतम तापमान रहता है| इस ऋतु में अधिकतम 5 से 7 सेमी वर्षा प्राप्त होती है| प्रायः अधिकतम तापमान जांजगीर चाम्पा अथवा रायगढ़ में अंकित किया गया है|

2. वर्षा ऋतु

  • छत्तीगगढ कृषि प्रधान राज्य होने के कारण इस ऋतु का सामाजिक एवं आर्थिक जीवन से घनिष्ठ संबंध है| जून माह में मानसून के आगमन के साथ छत्तीसगढ़ में यह ऋतु प्रारंभ होती है| छत्तीसगढ़ में वर्षा ऋतू उष्ण तथा आर्द्र होती है| प्रदेश में 90% वर्षा इसी ऋतु में प्राप्त होती है|

3. शीत ऋतु

  • सूर्य के दक्षिणायन  अक्टूबर-नवम्बर माह में शीत ऋतु प्रारंभ होती है| यहाँ शीत ऋतु ठंडी एवं शुष्क होती है| दिसम्बर-जनवरी यहाँ के सर्वाधिक ठंडे महीने हैं| छत्तीसगढ़ में यह ऋतु मध्य मार्च तक समाप्त हो जाती है| पहाड़ी भागों में स्थित मैनपाट, पेण्ड्रा, जशपुर न्यूनतम तापमान वाले क्षेत्र हैं|