यतियतन लाल सम्मान (Yatiyatan Lal Samman)
- स्थापना वर्ष – 2001
- कार्य क्षेत्र – अहिंसा एवं गौ रक्षा के क्षेत्र में
- द्वारा (विभाग) – सामान्य प्रशासन विभाग
- सम्मान राशि – 2 लाख रुपए व प्रशस्त्रि पत्र
- प्रथम प्राप्तकर्ता – डॉ. हरिप्रसाद जोशी एवं रमेश याज्ञिक को संयुक्त रूप से
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यतियतन लाल जी, एक महान संत होने के साथ ही साथ स्वाधीनता संग्राम के कर्मठ योद्धा थे। इनका जीवन त्याग, बलिदान और सेवा का मिसाल है। यतियतन लाल जैन धर्म के अनुयायी और गाँधी जी के अहिंसा के समर्थक थे।
सन 1934 में रायपुर जिले में हैजा फैलने के दौरान यतियतन लाल ने गांव-गांव जाकर लोगों के बचाव और उपचार में सहायता किये थे। यतियतन लाल द्वारा वर्तमान छत्तीसगढ़ के महासमुंद में “जंगल सत्याग्रह” का नेतृत्व किया गया था।
यतियतन लाल के द्वारा छत्तीसगढ़ में “विवेकवर्धन आश्रम” स्थापित है| इनके निःस्वार्थ सेवा का आदर करते हुए छतीसगढ़ शासन द्वारा यह राज्य स्तरीय सम्मान प्रदान किया जाता है।
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संत यतियतन लाल जी