छत्तीसगढ़ भूमि

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गोदावरी अपवाह तंत्र

दक्षिण गंगा कहलाने वाली गोदावरी नदी का उद्गम नासिक(महाराष्ट्र) से होता है| छत्तीसगढ़ प्रदेश का लगभग 28% जल गोदावरी प्रवाह तंत्र में जाता है| यह नदी राज्य की सीमा से मात्रा 24 किमी बहती है| गोदावरी दक्षिण भारत की सबसे लम्बी नदी है| त्रयंबक की पहाड़ी(नाशिक) से निकलकर आंध्रप्रदेश से होकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है|
गोदावरी प्रवाह तंत्र छत्तीसगढ़ प्रदेश की दूसरी बड़ी प्रवाह तंत्र है| इसका राज्य में विस्तार 39 हजार वर्ग किमी क्षेत्र में है| बस्तर संभाग का 92% तथा राजनांदगांव जिला का 21% भाग इस जलग्रहण क्षेत्र में आता है|

गोदावरी अपवाह तंत्र की प्रमुख नदियाँ

| इंद्रावती नदी | शबरी नदी | बाघ नदी |
नदी का नाम उत्पत्ति स्थान कुल लंबाई नदी के किनारे प्रमुख शहर/गाँव मुख्य परियोजनाएं/विशेषताएं मुख्य सहायक नदियाँ
इंद्रावती मुंगेर पहाड़ी, उड़ीसा 264 किमी बीजापुर, नारायणपुर, बोधघाट चित्रकोट, सप्तधारा जलप्रपात कोटरी, बोरडिग, नारंगी, गुडरा, नंदीराज, डंकिनी, शंखनी, चिंतावागु
शबरी बैलाडीला पहाड़ी 173 किमी रानीदरहा, गुप्तेश्वर जल परिवहन, जलमार्ग, सोने के कण कांगेर, मालेंगर
बाघ कुलझारी पहाड़ी, राजनांदगांव न/व न/व बेनगंगा की शाखा न/व

इंद्रावती नदी

  • यह नदी गोदावरी प्रवाह तंत्र की सर्वप्रमुख नदी है|
  • इंद्रावती नदी को बस्तर की जीवन रेखा कहा जाता है|
  • इस नदी का उद्गम उड़ीसा के कालाहांडी जिले के मुंगेर पहाड़ी से हुआ है|
  • छत्तीसगढ़ में इस नदी की कुल लम्बाई 264 किमी है|
  • छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर राज्य के बीजापुर जिले के भद्रकाली के समीप इस नदी का गोदावरी नदी से संगम होता है|
  • भारत का नियाग्रा कहा जाने वाला सबसे चौड़ा और राज्य का प्रमुख जलप्रपात चित्रकोट तथा सप्तधारा जलप्रपात इस नदी पर स्थित है|
  • यह बस्तर से प्रवाहित होते हुए नारायणपुर तथा बीजापुर में बहती है|
  • इस नदी पर बस्तर जिले में बोधघाट परियोजना का निर्माण हुआ है|

इंद्रावती नदी की सहायक नदियाँ

  • कोटरी(प्रमुख)
  • बोरडिग
  • नारंगी
  • गुडरा
  • नंदीराज
  • डंकिनी
  • शंखनी
  • चिंतावागु

शबरी नदी

  • गोदावरी प्रवाह तंत्र की दूसरी सबसे प्रमुख नदी है|
  • छत्तीसगढ़ में इस नदी का उद्गम बैलाडीला पहाड़ी से मना जाता है|
  • यह नदी छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के मध्य सीमा बनाती है|
  • राज्य में इस नदी की कुल लम्बाई 173 किमी है|
  • इस नदी का प्राचीन नाम कोलाब (उड़ीसा)है| इस पर राज्य के सुकमा जिले में रानीदरहा और गुप्तेश्वर जलप्रपात स्थित है|
  • इस नदी में कोंटा के पास जल परिवहन की सुविधा है|
  • 3 अप्रैल 2017 को इस नदी पर छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के मध्य पूल का उद्घाटन किया गया था|
  • राज्य सरकार ने इस नदी पर राज्य जलमार्ग घोषित किया है|
  • इस नदी के बालू में सोने के कण पाए जाते हैं|
  • यह नदी छत्तीसगढ़-उड़ीसा से निकलकर आंध्रप्रदेश के कुनावरम(तेलंगाना) के निकट गोदावरी से  मिलती है|
  • कांगेर नदी और मालेंगर इसकी सहायक नदियाँ है|

बाघ नदी

  • छत्तीसगढ़ में इस नदी का उद्गम राजनांदगांव जिले के कुलझारी पहाड़ी से हुआ है|
  • यह बेनगंगा प्रवाह तंत्र की एक शाखा है|
  • यह नदी छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के मध्य सीमा बनती है|