छत्तीसगढ़ भूमि

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भोरमदेव

यह प्रसिद्ध धार्मिक स्थल छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के चौरागांव नामका स्थान पर स्थित है| इस स्थल पर फणी नागवंश के राजा गोपालदेव द्वारा 11वीं सदी में निर्मित प्रख्यात “भोरमदेव मंदिर” स्थित है| इस मंदिर का नामकरण गोंड़ देवता भोरमदेव पर किया गया है| इस प्रख्यात मंदिर में शिवलिंग स्थापित है| मंदिर के दीवारों पर हाथी, घोड़े, नटराज, गणेश, मिथुन आदि मूर्तियां बनी हुई है| इन मूर्तियों की साम्यता खजुराहों से हैं| अतः इसे “छत्तीसगढ़ का खजुराहो” कहा जाता है| यहाँ मड़वा महल तथा छेरका महल भी दर्शनीय है| यहाँ भोरमदेव महोत्सव मनाया जाता है| देश-विदेश कलाकारों की प्रस्तुति देखि जा सकती है|