छत्तीसगढ़ भूमि

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जशपुर-सामरी पाट प्रदेश

  • भौगोलिक आधार पर इस प्रदेश का विस्तार 22˚19″ से 23˚40″ उत्तरी अक्षांश तथा 82˚02″ से 84˚20″ पूर्वी देशांतर के मध्य है|
  • इस भौतिक प्रदेश का कुल क्षेत्रफल 6,208  वर्ग किमी है(छ.ग. के कुल क्षेत्रफल का 4.59%)
  • छत्तीसगढ़ के उत्तर-पूर्वी भाग में यह झारखण्ड के सीमा पर स्थित है|
  • छत्तीगढ़ के प्राकृति बिभाजन में यह सबसे छोटा प्रदेश है|
  • संरचना की दृष्टि से यह छोटा नागपुर का पठार है|
  • भौतिक बनावट के कारण यह न केवल छत्तीसगढ़, अपितु सम्पूर्ण भारत में विशिष्ट है|
  • इस प्रदेश की औसत ऊंचाई 700 मीटर से भी ज्यादा है, जो सभी प्राकृतिक प्रदेशों में ऊंचा है, जबकि इसका धरातल पठार के समान सपाट है| अपनी इस मिश्रित प्रकृति के कारण इसे पाट प्रदेश कहा जाता है|
  • इस प्रदेश के धरातल का ढाल दक्षिण-पूर्व की ओर है|
  • इस प्रदेश का विस्तार सम्पूर्ण जशपुर जिला तथा सरगुजा जिले के सीतापुर एवं मैनपाट तहसील और बलरामपुर जिले के सामरी-कुसमी तहसील तक है|
  • परिवहन एवं मानव विकास सूचकांक में पिछड़ा हुआ प्रदेश है|
  • भू-गर्भिक बनावट में इस प्रदेश आर्यन शैल समूह की प्रधानता है| मुख्या रूप से दक्कन ट्रेप की चट्टानें है, जिसकी ऊपरी सतह के कारण यहाँ लेटेराइट मिट्टी का जमाव पाया जाता है|
  • इस प्रदेश की नदियों के बालू में सोने के कण पाए जाते हैं|
  • जशपुर-सामरी पाट में सबसे बड़ा पाट जशपुर पाट है|
  • सामरी पाट में छत्तीसगढ़ की सबसे ऊँची छोटी गौरलाटा(1225 मीटर) स्थित है|
  • इस प्रदेश का प्रमुख खनिज बाक्साइट(खुड़िया पहाड़ी) है| इस प्रदेश में स्थित जमीर पात में बॉक्साइट की प्रचुरता के कारण बॉक्साइट का मैदान कहा जाता है|
  • छत्तीसगढ़ प्रदेश का कैलाश गुफा इस पाट में स्थित पेण्ड्रा पाट में स्थित है|
  • इस प्रदेश में मुख्यतः महानदी अपवाह तंत्र का विस्तार है|
  • इस प्रदेश में 170 सेमी से 172 सेमी तक औसत वर्षा होती है, जो सभी छत्तीसगढ़ के सभी प्रदेशों में सर्वाधिक है|
  • यह प्रदेश वनस्पति एवं वन्यजीवों से समृद्ध है| इस प्रदेश का विशिष्ट जानवर हाथी है|
  • इस प्रदेश का बड़ा भाग एलिफेंट रिजर्व के लिए प्रस्तावित है|
  • लैटेराइट मिट्टी तथा आर्द्र जलवायु के कारण इस पाट क्षेत्रों में बगानिन फसल ली जाती है| इस प्रदेश में स्थित लुड़ेग को टमाटर की राजधानी कहा जाता है|
  •  इस प्रदेश में स्थित पेण्ड्रा पाट को छत्तीसगढ़ का बगीचा कहा जाता है|
  • यह राज्य में सर्वाधिक ग्रामीण जनसंख्या वाला क्षेत्र प्रदेश है|
  • छत्तीसगढ़ का यह प्राकृतिक भाग पहाड़ी कोरवाओं के सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है|
  • छत्तीसगढ़ राज्य का प्रसिद्द पर्यटक स्थल मैनपाट(ऊंचाई-1152 मीटर, सरगुजा जिला) इसी प्रदेश में स्थित है, जिसे छत्तीसगढ़ का शिमला कहा जाता है|