छत्तीसगढ़ भूमि

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माड़िया जनजाति

  •  यह गोंड़ों की उपजाति है|
  • मदिया द्रविड़ियन प्रजाति की आदिम जनजाति है|
  • इनकी प्रमुख बोली भासोटी (गोंड़ी और हल्बी) है|
  • वनोपज का संग्रहण आजीविका का मुख्य स्त्रोत है|
  • दूल्हादेव व बूढ़ादेव इनका आराध्य देव हैं|
  • माड़िया जनजाति में निवास स्थान को “ढाना” कहा जाता है|
  • भूमिया, भुंईयार, व पण्डो माड़िया जनजाति की उप-जाति है|
  • बिदरी, मड़ई, नवाखानी, जावरा, जात्रा आदि प्रमुख पर्व है|
  • जात्रा पर्व के दौरान इन  द्वारा प्रसिद्ध “गौर नृत्य” (बायसन नामक जंगली जीव का सिंग लगाकर) किया जाता है|
  • बहु विवाह, सेवा विवाह, विधवा विवाह प्रचलित है|
  • माड़िया जनजाति में समस्त लड़के-लड़कियों के शिक्षा के स्थान को “घोटुल” कहा जाता है|
  • वेरियर एल्विन ने माड़िया जनजाति के प्रसिद्ध गौर नृत्य को “विश्व का सुंदतम नृत्य” कहा है|