छत्तीसगढ़ भूमि

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नगेशिया जनजाति

  • यह गोंड़ों की उपजाति है|
  • यह सर्प के वंशज माने जाते हैं|
  • इस समहू के लोग सदरी बोली बोलते हैं|
  • राज्य के धरमजयगढ़, लैलूंगा, पत्थरगाँव क्षेत्रों में निवास करते हैं|
  • यह तेनहा, धुरिया तथा सेंदुरिया तीन अंतर्विवाही समूह में बंटे है|
  • बोंगावाद, टोटम तथा टेबू का प्रचलन है|
  • इनके कार्यों में नाग पकड़ना शामिल है|