छत्तीसगढ़ भूमि

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कंवर जनजाति

  • यह गोंड़ों की उप-जाति है|
  • यह समुदाय अपने आपको कौरवों का वंशज मानते हैं|
  • इस समुदाय के लोग छत्तीसगढ़ी एवं सदरी बोली बोलते हैं|
  • कंवर समूह में स्त्रियों की स्थिति सम्मानजनक होती है|
  • सैन्य सेवा कार्य को परंपरागत कार्य मानते हैं|
  • सतनाम धर्म संत समाज(1953) के संस्थापक “गहिरा गुरु” (जशपुर) इसी कंवर समाज के थे|
  • कंवर समूह की स्त्रियां अपने छाती पर कृष्णा भगवान् का रूप गोदना के माध्यम से अंकित करवाती है|
  • इन समूह के लोगों में “बार” नृत्य प्रचलित है|
  • स्वच्छता प्रिय यह जनजाति अन्य जनजातियों की अपेक्षा अधिक विकसित एवं शिक्षित है|
  • सागराखण्ड, कंवर जनजाति के प्रमुख आराध्य देव हैं|