छत्तीसगढ़ की जनजातियां
देश के ह्रदय स्थल मध्य भारत में स्थित छत्तीसगढ़ राज्य जनजाति बाहुल्य राज्य है| जनजाति वह सामजिक समुदाय है, जो राज्य के विकास के पूर्व अस्तित्व में था या है| इनका विशिष्ट नाम, भाषा, सांस्कृतिक एवं आर्थिक आधार होता है|
जनजाति वास्तव में भारत के आदिवासियों के लिए इस्तेमाल होने वाला एक वैधानिक पद है| भारत के संविधान में अनुसूचित जनजाति पद का प्रयोग हुआ है और इनके लिए विशेष प्रावधान लागू किए हैं|
ऐसे जनजाति जिन्हें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत सूचीबद्ध किया जाता है अनुसूचित जनजाति कहलाते हैं| छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति समूह की घोषित संख्या 42 है| प्रदेश में 2011 की जनगणना के अनुसार जनजातियों की कुल जनसंख्या 78,22,902 है, जो प्रदेश का 30.62% है| यहाँ की मुख्य जनजातियां बहुत सी उप-जातियों में विभाजित है|
छत्तीसगढ़ में प्रमुख जनजातियां
क्र | जनजाति का नाम | लिंक |
1 | गोंड़ | Clik Here |
2 | उरांव | Clik Here |
3 | बैगा | Clik Here |
4 | कमार | Clik Here |
5 | कोरवा | Clik Here |
6 | कंवर | Clik Here |
7 | हल्बा | Clik Here |
8 | माड़िया | Clik Here |
9 | मुड़िया | Clik Here |
10 | अबुझमाड़िया | Clik Here |
11 | कोल | Clik Here |
12 | कोरकू | Clik Here |
13 | बिरहोर | Clik Here |
14 | परजा | Clik Here |
15 | भैना | Clik Here |
16 | नगेशिया | Clik Here |
17 | परधान | Clik Here |
अन्य जनजातियाँ
- भतरा, बिंझवार, खैरवार, भुँजिया, पारधी, भारिया, सौंरा, सौंता, पण्डो ,भील, दमारिया, गदबा, कोलम, खारिया, मांझी, मवासी, मुंडा, धनगड, भील मीना, कोंध आदि हैं |